आगरा। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति 'आयुष' को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में International Ayush Con...
आगरा। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति 'आयुष' को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के रूप में International Ayush Conclave 2025 का आयोजन आगरा के प्रतिष्ठित Hotel Saura में भव्य रूप से किया गया। यह कार्यक्रम न केवल एक चिकित्सकीय सम्मेलन था, बल्कि एक सांस्कृतिक, शैक्षिक और राष्ट्रनिर्माण से जुड़ा आंदोलन भी था, जिसे Civic Services द्वारा आयोजित किया गया।
इस सम्मेलन में देश और विदेश से आए 150 से अधिक आयुष चिकित्सकों ने भाग लेकर न केवल चिकित्सा क्षेत्र के नवाचारों को साझा किया, बल्कि आयुष को जन-जन तक पहुंचाने के संकल्प को भी दोहराया।
आयुष क्षेत्र में योगदान के लिए डॉक्टर आशिष बिसेन हुए सम्मानित
कॉन्क्लेव के मुख्य आकर्षणों में से एक रहा छत्तीसगढ़ के डॉक्टर आशिष बिसेन को "Ayush Tejas" पुरस्कार से सम्मानित किया जाना। आयुष चिकित्सा में उनके विशेष योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया। सम्मान समारोह की गरिमा तब और बढ़ गई जब उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने स्वयं मंच पर उपस्थित होकर डॉ. बिसेन को शुभकामनाएं दीं और केंद्र व राज्य सरकार की आयुष समर्थक नीतियों पर विस्तृत प्रकाश डाला।
वैज्ञानिक सत्रों में नवाचार और समाधान की झलक
कॉन्क्लेव के दौरान आयोजित Scientific Sessions में विशेषज्ञों ने रोगों की जड़ों तक पहुँचने वाले आयुष आधारित समाधानों को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत किया।
डॉ. संदीप चावला और रिशि कपूर ने आयुष पद्धति के माध्यम से रोगों की प्रकृति को समझकर उपचार की विधियों पर प्रकाश डाला।
EZ Care (Essel Group) के CEO विशाल श्रीवास्तव ने डायबिटीज जैसी वैश्विक बीमारी के समाधान हेतु अपने शोध और नवाचार प्रस्तुत किए।
प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता और लाइफ कोच सुनील चोपड़ा (Your Win Coach) ने चिकित्सकों को Branding, Growth & Purpose के विषय में व्यावसायिक और मानवीय दृष्टिकोण से प्रशिक्षित किया।
शिक्षा और आयुष के समन्वय की आवश्यकता पर बल
विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हरिद्वार यूनिवर्सिटी के कुलपति श्री धर्मवीर सिंह ने आयुष चिकित्सा को शैक्षिक पाठ्यक्रमों में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में आयुष की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। “यदि शिक्षा और चिकित्सा का संगम आयुष के माध्यम से होता है, तो यह न केवल इलाज बल्कि एक जीवनशैली का निर्माण करेगा,” उन्होंने कहा।
आयुष: विकल्प नहीं, भविष्य का समाधान
इस भव्य आयोजन ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि आयुष अब केवल वैकल्पिक चिकित्सा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और जीवनशैली का एक वैज्ञानिक, प्रभावी और टिकाऊ समाधान है। यह मंच न केवल चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए, बल्कि पूरे मानव समाज के लिए आशा की एक नई किरण बनकर उभरा है।
कार्यक्रम के अंत में संयोजकों ने यह आश्वासन दिया कि आयुष को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक विस्तार देने हेतु ऐसे सम्मेलनों की श्रृंखला जारी रहेगी।
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