चंडीगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में कई नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। भाजपा से गठबंधन की अटकलों के बीच पंजाब के पूर्व मुख्य...
चंडीगढ़
विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में कई नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। भाजपा से गठबंधन की अटकलों के बीच पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।
इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने का एलान किया था। उनका कहना था कि वह कांग्रेस को अच्छी तरह जानते हैं और उनके लिए कांग्रेस पर हमला करना आसान है। एक निजी चैनल से बातचीत में कैप्टन ने खुलासा करते हुए साफ कर दिया था कि 2022 के चुनावों में वह पंजाब में ही नहीं, बल्कि चार अन्य राज्यों के चुनाव में भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाले हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं है और वैसे भी राजनीतिक सिस्टम वकीलों की तरह चलता है। प्रत्येक वकील जिस समय जिसके पक्ष में होता है, वहां अपने मुवक्किल का बचाव करने के लिए सामने वाले पर हमला करता ही है। उन्होंने एलान किया कि वह यूपी और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए वोट मांगेंगे और लोगों को कांग्रेस की असलियत बताएंगे। कैप्टन का कहना है कि इन दोनों राज्यों में वह सिख बहुल हलकों में भाजपा के लिए प्रचार करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कैप्टन अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के गठन का एलान करने के साथ ही यह भी साफ कर चुके हैं कि वह 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे। इसके अलावा उन्होंने अकाली दल से अलग हुए टकसाली नेताओं को भी अपने गठबंधन में शामिल करने का एलान किया है। हालांकि भाजपा के साथ जाने के कैप्टन के एलान के बाद सुखदेव सिंह ढींढसा जैसे टकसाली नेताओं ने कैप्टन से दूरी बना ली है।
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