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जिले के नगर पंचायत साजा में सरकार की महत्वकांक्षी योजना के तहत नगर पंचायत साजा को कुल 15 वार्ड...

  बेमेतरा। बेमेतरा जिले के नगर पंचायत साजा में छ.ग. सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरुवा, तहत गौठान का सफल संचालन गरुवा, घुरूवा, बाडी योजना के ...

 

बेमेतरा।बेमेतरा जिले के नगर पंचायत साजा में छ.ग. सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरुवा, तहत गौठान का सफल संचालन गरुवा, घुरूवा, बाडी योजना के नगर पंचायत साजा में कुल 15 वार्ड हैं, जिसमें नगर पंचायत साजा की वर्तमान जनसंख्या 5961 हैं व नगर पंचायत साजा के अध्यक्ष शालिनी मनोज जायसवाल व मुख्य नगर पालिका अधिकारी दोनों के संमजस्य से छ.ग. शासन की महत्वकांक्षी योजना नरुवा, गरूवा घुरूवा अउ बाडी योजना के तहत वार्ड क्र. 14 में निर्मित कांजी हाउस को 01 गौठान के रूप में विकसित किया हैं, वर्तमान में घुमंतु पशुओं व अवारा पशुओं को रखकर निकाय में कार्यरत स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर-टू-डोर वेस्ट संग्रहण कार्य में कार्यरत 12 महिलाओं के (स्व सहायता समूह) की ओर से व निकाय में कार्यरत कर्मचारियों की ओर से पशुओं के देखभाल किया जा रहा हैं और निकाय में चारागाह की कमी होने के कारण पशुओं की हलात को देखते हुए यह निर्णय लेकर गौठान का सफल संचालन किया जा रहा हैं।


गौठान में चारें कि कमी को दूर करने के लिए निकाय क्षेत्र के किसानों का भी सहयोग प्राप्त हो रहा हैं, शासन द्वारा प्राप्त बेलर मशीन सें पशुचारा (पैरा) इकट्टा किया जा रहा हैं। जिससे किसानों की ओर से पैरा/पलारी को पूर्व में इसें जला दिया जाता था, जिससे आस पास के वातावरण में प्रदुषण हो रही थी, निकाय में संचालित गौठान व बेलर मशीन होने तथा इस योजना के सफल संचालन व नगर पंचायत साजा के कर्मचारियों के सहयोग से पैरा इकट्टा किया जा रहा हैं, खेतों सें पैरा उठ जानें सें खेत असानी से साफ हो रही हैं। जिससे किसानों की बहुत बड़ी समस्या खत्म हुई हैं, वातावरण प्रदुषण मुक्त हो रहा हैं, जिससे बेलर मशीन के आने से किसान बंधु लोग भी चारा की व्यवस्था के लिए सहयोग प्रदान कर रहें हैं। जिससे गौठान के लिए चारा की व्यवस्था असानी से हो रही हैं।गौठान में रखें पशुओं की ओर से गोबर प्रतिदिन प्राप्त होती हैं, जिस गोबर सें वर्मी कम्पोस्ट व सुपर कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा हैं, यह वर्मी कम्पोस्ट व सुपर कम्पोस्ट सें कृषि के लिए उन्नत खाद बनकर उभर कर आया हैं, जिससे जैविक कृषि कि और क्षेत्र अग्रसर होने के लिए तैयार हैं व रसायनिक खाद कि अपेक्षा बहुत ही लाभकारी आर्थिक व शारीरिक रूप से बहुत ही अच्छा हैं व फसल के लिए भी सही हैं तथा कृषि क्षेत्र में वर्मी कम्पोस्ट की मांग भी धीरे धीरे बड़ रही हैं, जिससे गौठान की सफलता की यही राज है।

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