नए वित्तीय वर्ष में राज्य के बजट में 10 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। इस तरह बजट का आकार 10 हजार करोड़ तक बढ़ जाएगा। हालांकि इसमें सरकार का ...
नए वित्तीय वर्ष में राज्य के बजट में 10 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। इस तरह बजट का आकार 10 हजार करोड़ तक बढ़ जाएगा। हालांकि इसमें सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर के बजाय हितग्राहियों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं पर फोकस रहेगा। सीएम भूपेश बघेल की मंत्रियों के साथ चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। इस साल चुनावी बजट होने के कारण लोक लुभावन होने के संकेत हैं।
छत्तीसगढ़ में 2023 में विधानसभा चुनाव है। इससे पहले 2022-23 का बजट काफी महत्वपूर्ण होगा। इसमें सरकार घोषणा पत्र की ज्यादातर योजनाओं को पूरा करने की कोशिश करेगी। हालांकि अभी भी विभागों को दिल खोलकर फंड देने के बजाय सिर्फ लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाली योजनाओं पर ही सरकार का फोकस रहेगा। मंत्री स्तरीय चर्चा के दौरान सीएम बघेल एक-एक मंत्री से मिले प्रस्ताव और उससे प्रभावित होने वाले लोगों पर बात करेंगे। दरअसल, कोरोना के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति अभी तक संभली नहीं है। केंद्र सरकार से जो राशि मिलनी थी, वह भी बकाया है, इसलिए राज्य अपने संसाधनों को ध्यान में रखकर योजनाएं लाएगी।
पीएम आवास की तरह ला सकते हैं सीएम आवास
पीएम आवास योजना की तरह राज्य सरकार सीएम आवास योजना लांच कर सकती है। इसके लिए राज्य की गारंटी पर पंचायतों को फंड उपलब्ध कराया जाएगा। दरअसल, योजनाओं में केंद्र से जो राशि मिलती थी, उसमें राज्य की हिस्सेदारी बढ़ा दी गई है। जिन योजनाओं में केंद्र-राज्य का हिस्सा 85ः15 होता था, उसे 60:40 कर दिया गया है। पीएम सड़क योजना के लिए पहले केंद्र सरकार पूरी राशि देती थी। इसे 60:40 कर दिया गया है। पीएम आवास के लिए 70:30 से 60:40 कर दिया गया है। ऐसी आधा दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, जिसमें कटौती की गई है। इससे राज्य पर बोझ बढ़ गया है।
एक दिन में 5 मंत्रियों के विभागाें की योजनाओं पर करेंगे बातचीत
वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सीएम 10 से 12 जनवरी के बीच मंत्रियों से चर्चा करेंगे। 10 जनवरी को अमरजीत भगत, जयसिंह अग्रवाल, उमेश पटेल, अनिला भेड़िया और गुरु रूद्रकुमार के लिए एक-एक घंटे का समय तय है। 11 जनवरी को कवासी लखमा, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, डॉ. शिवकुमार डहरिया, मोहम्मद अकबर के विभाग की योजनाओं व तैयारियों पर बात करेंगे।
70 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया कर्ज, ब्याज-मूलधन पर भी खर्च
राज्य सरकार पर अब कर्ज बढ़कर 70 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है। इसके अलावा निकायों पर भी कर्ज है। राज्य के अपने संसाधनों से आय करीब 32 हजार करोड़ है। इसी तरह केंद्र से मिलने वाली राशि 35 हजार करोड़ है। अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के बाद राज्य को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगा। दूसरी ओर कर्ज का ब्याज और मूलधन चुकाने की भी जवाबदारी है।
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