बोकारो : बिहार के मधेपुरा की घटना के बाद कोविड वैक्सीन से स्वस्थ होने का बड़ा दावा पड़ोसी राज्य झारखंड से आया है। यहां 55 साल का एक शख्स कोव...
बोकारो: बिहार के मधेपुरा की घटना के बाद कोविड वैक्सीन से स्वस्थ होने का बड़ा दावा पड़ोसी राज्य झारखंड से आया है। यहां 55 साल का एक शख्स कोविड वैक्सीन लगवाने के अगले दिन से ही चलना और बोलना शुरू कर दिया।
जबकि, लगवाग्रस्त होने की वजह से वह पिछले चार वर्षों से बिस्तर से उठ भी नहीं पाता था। बोकारो के डॉक्टर भी उसकी मेडिकल हिस्ट्री देखकर कह रहे हैं कि वैज्ञानिकों को इसपर रिसर्च करना होगा। बड़ी बात ये है कि वह व्यक्ति जिस हादसे में चोट लगने की वजह से लकवाग्रस्त हुआ था, उसकी वजह से उसकी बोलने की क्षमता भी चली गई थी। लेकिन, अब उसने बोलना भी शुरू कर दिया है।
कोविड वैक्सीन लेने के बाद ठीक हुआ लकवा
झारखंड में बोकारो के सलगाडीह गांव के दुलारचंद मुंडा पिछले पांच वर्षों से बिस्तर से भी नहीं उठ पा रहे थे। अब दावा किया जा रहा है कि उन्होंने कोविशील्ड की एक डोज ली और अगले दिन ही उनका लकवा ठीक हो गया। उनका कहना है कि ‘इस वैक्सीन को लगाकर मैं बहुत ही खुश हूं। 4 जनवरी को वैक्सीन लेने के बाद से मेरे पैरों में गति आ गई है।’ उनके बारे में जानकारी है कि एक सड़क हादसे के बाद से वह ना तो चल पाते थे और ना ही बोल ही पाते थे। अब इस चमत्कारी रिकवरी से डॉक्टर भी हैरान हैं और इस घटना को पूरी तरह से अविश्वसनीय मान रहे हैं।
मुंडा के निर्जीव शरीर में गति आने से परिवार वाले भी हैरान
गौरतलब है कि बिहार के मधेपुरा में 84 साल के बुजुर्ग ने इसी तरह के दावों के आधार पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कोविड की वैक्सीन 11 बार लगाने का दावा किया है। लेकिन, 12बीं बार की कोशिश उसे भारी पड़ गई और अब पुलिस उसके पीछे पड़ी है। उसने भी कहा था कि वैक्सीन की वजह से उसे उठने-बैठने, चलने में जितनी भी तकलीफ थी सब दूर हो चुकी है। झारखंड के दुलारचंद मुंडा के मामले में बोकार के पेटरवार कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर के इंचार्ज डॉक्टर अलबेला केरकेट्टा ने कहा है, ‘मुंडा को 4 जनवरी को एक आंगनवाड़ी वर्कर ने कोविशील्ड का टीका लगाया था। अगले दिन उसके परिवार वाले तब हैरान रह गए, जब मुंडा का निर्जीव शरीर न सिर्फ गतिशील हो गया, बल्कि उसने बोलना भी शुरू कर दिया।’
वैज्ञानिकों को पता लगाना होगा- सिविल सर्जन
बोकारो के सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने मुंडा के साथ हुए चमत्कार के बारे में कहा है कि ‘यह देखकर चकित हूं….वैज्ञानिकों को पता लगाना होगा। अगर वह कुछ दिनों की बीमार से ठीक हुआ होता तो बात समझ में आ सकती थी, लेकिन 4 साल पुरानी बीमारी वैक्सीन लगने के बाद अचानक ठीक हो जाए यह अविश्वसनीय है।’
रिपोर्ट देखी है, यह जांच का विषय है- डॉक्टर
जानकारी के मुताबिक बोकारो के सिविल सर्जन ने इस मसले पर एक तीन सदस्यीय मेडिकल टीम भी बनाई है, जो ‘स्वस्थ होने की इस चमत्कारी’ घटना की पड़ताल करेगी। क्योंकि, रीढ़ की समस्या की वजह से वह पूरी तरह से बिस्तर पर ही पड़ा रहता था। डॉक्टर केरकेट्टा का भी कहना है कि ‘उसकी रिपोर्ट हमने देखी है। यह जांच का विषय है।’
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गांव वाले मान रहे हैं दैवीय चमत्कार
मुंडा अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था। लेकिन, सड़क दुर्घटना ने उसकी और उसके परिवार की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी थी। सिविल सर्जन भी उसके इस तरह से स्वस्थ होने से भौंचक्के हैं। उनके मुताबिक, ‘यह चौंकाने वाली घटना है। हम उसके स्वास्थ्य के इतिहास का विश्लेषण करेंगे।’ वैसे जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मुंडा के गांव वाले इस घटना को दैवीय चमत्कार के रूप में देख रहे हैं।
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