मैनपाट इलाके के पर्यटन स्थल जलजली में आने वाले पर्यटक यहां की जमीन को खोद रहे हैं, जिससे पानी निकलने से यहां की सुंदरता नष्ट हो रही है। वहीं...
मैनपाट इलाके के पर्यटन स्थल जलजली में आने वाले पर्यटक यहां की जमीन को खोद रहे हैं, जिससे पानी निकलने से यहां की सुंदरता नष्ट हो रही है। वहीं हिलती-डुलती जमीन का लाेग आनंद नहीं ले पा रहे हैं। यहां उछलने पर जमीन हिलती है और यही यहां का आकर्षण का केंद्र है। नए साल के पहले दिन से यहां पर्यटकों की भीड़ जुट रही है।
कुछ लोग यह पता लगाने जमीन को नुकीली चीजों से खोदा जा रहा है कि जमीन के भीतर आखिर क्या है, जिससे जमीन उछलती है। वन विभाग द्वारा पर्यटकों के हिसाब से यहां सुविधाएं बढ़ाई गई हैं, लेकिन संकेतक बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं कि जमीन को न खोदें। जहां जमीन उछलती है, वहां खोद देने से चारों तरफ कीचड़ हो गया है।
उत्खनन करने से इस प्राकृतिक स्थान की सुंदरता नष्ट होगी
भू-गर्भ शास्त्री विमान मुखर्जी के अनुसार जलजली की उत्पत्ति ज्वालामुखी के उद्गार कुंड में हुई है। क्रिटेशिएस काल के बाद बड़े पैमाने पर ज्वालामुखी की घटना हुई, जिसमें मैनपाट भी है। इस क्रिया के बाद कुंड में जलभराव हुआ। कालांतर में यह सूखा भी और उसमें वनस्पति भी उग आई। यह करोड़ों वर्ष पुरानी घटना है। वनस्पति की जड़ और पानी के कारण यह स्थान जलजली लगता है। इस क्षेत्र में उत्खनन करने से इस प्राकृतिक स्थान की सुंदरता नष्ट होगी।
No comments