पिछले साल 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी और 12 अन्य अधिकारियों ने भी उस दर्दनाक हादने में अप...
पिछले साल 8 दिसंबर को सीडीएस बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी. उनकी पत्नी और 12 अन्य अधिकारियों ने भी उस दर्दनाक हादने में अपनी जान गंवा दी थी. अब तीनों सेवाओं की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने अपनी रिपोर्ट सामने रख दी है. बताया गया है कि मौसम में खराबी इस हादसे की मुख्य वजह थी.
खराब मौसम था हादसे की वजह
रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे वाले दिन मौसम खराब हो गया था और जिस समय बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी, तब कुन्नूर में बादलों ने पायलट के व्यूह को ब्लॉक कर दिया था और उसी वजह से हेलीकॉप्टर जमीन से जा टकराया. अभी के लिए जांच में किसी भी तरह की मैकेनिकल फॉल्ट से इनकार कर दिया गया है. हादसे की वजह मौसम में खराबी ही बताई जा रही है.
जानकारी के लिए बता दें कि इस हादसे की जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में पूरी की गई है. उनकी तरफ से एक विस्तृत रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी सौंप दी गई है. वैसे ये पहली बार है जब भारतीय वायुसेना द्वारा पब्लिक डोमेन में हादसे की जांच रिपोर्ट शेयर की गई है. जांच के दौरान भविष्य के लिए कुछ जरूरी सुझाव भी दिए गए हैं, उन पर विचार जारी है.
सेना के एकीकरण का काम रहे थे रावत
बिपिन रावत के सैन्य करियर की बात करें तो उन्होंने बतौर सीडीएस कई अहम कदम उठाए थे. वे तीनों सेनाओं के एकीकरण का बड़ा काम करने जा रहे थे. उन्होंने उस कड़ी में फैसले भी लिए थे. इसके अलावा सेना के आधुनिकरण पर भी उनका फोकस था. वे चाहते थे कि भारत रक्षा हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बन जाए. पीएम मोदी संग उनकी कई बैठकें भी हुई थीं. लेकिन जमीन पर कुछ पुख्ता हो पाता, उससे पहले ही वे ये दुनिया छोड़ हमेशा के लिए चले गए.
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