उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बढ़ती आबादी पर लगाम लगाने की बात क्या कह दी. देश में महासंग्राम छिड़ गया ह...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बढ़ती आबादी पर लगाम लगाने की बात क्या कह दी. देश में महासंग्राम छिड़ गया है. इस महासंग्राम में एक तरफ योगी आदित्यनाथ और बीजेपी है तो दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी, अखिलेश यादव और शफीकुर्र रहमान बर्क जैसे नेता है. अब इस संग्राम में बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) भी शामिल हो गई हैं और कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा है, जिसके प्रति कानून से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत है.
लोग खुद जरूरतों को कर रहे हैं सीमित: मायावती
मायावती (Mayawati) ने ट्वीट कर कहा, 'ऐसे समय में जब आसमान छूती महंगाई, अति गरीबी और बढ़ती बेरोजगारी आदि के अभिशाप से परिवारों का जीवन दुखी, त्रस्त और तनावपूर्ण है तथा वे स्वयं ही अपनी सभी जरूरतों को सीमित कर रहे हैं. तब जनसंख्या नियंत्रण जैसे दीर्घकालीन विषय पर लोगों को उलझाना भाजपा की कौन सी समझदारी है?'
बसपा सुप्रीमो ने दूसरे ट्वीट में कहा, 'जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा है, जिसके प्रति कानून से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत है. लेकिन, भाजपा सरकारें देश की वास्तविक प्राथमिकता पर समुचित ध्यान देने के बजाय भटकाऊ और विवादित मुद्दे ही चुन रही हैं तो ऐसे में जनहित और देशहित का सही से कैसे भला संभव? जनता दुखी और बेचैन है.'
2.जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा जिसके प्रति कानून से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत किन्तु भाजपा सरकारें देश की वास्तविक प्राथमिकता पर समुचित ध्यान देने के बजाय भटकाऊ व विवादित मुद्दे ही चुन रही हैं तो ऐसे में जनहित च देशहित का सही से कैसे भला संभव? जनता दुखी व बेचैन।
सीएम योगी ने क्या दिया था बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा था कि जनसंख्या में असंतुलन को रोकना जरूरी है. उनका इशारा मुस्लिम समुदाय की तरफ था. योगी आदित्यनाथ जनसंख्या वृद्धि में बढ़ती इस मजहबी खाई को भरना चाहते हैं और ये ताजा विवाद इसी वजह से शुरु हुआ है.
सीएम योगी ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण का कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी पैदा न हो, ऐसा न हो कि किसी वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड, उनका प्रतिशत ज्यादा हो और जो मूल निवासी हों उन लोगों की आबादी के स्थिरीकरण में, ये एक चिंता का विषय है. धार्मिक जगहों पर भी इसका विपरीत असर पड़ता है, फिर वहां पर एक समय के बाद अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है.
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