रायपुर:अरूणांचल की लोकसंस्कृति में मृत्यु के पश्चात आत्मा से संवाद लोकनृत्य के माध्यम से होता है। सामान्य मौत की स्थिति में परिजनों के मृत...
रायपुर:अरूणांचल की लोकसंस्कृति में मृत्यु के पश्चात आत्मा से संवाद लोकनृत्य के माध्यम से होता है। सामान्य मौत की स्थिति में परिजनों के मृत्यु के चार-पांच दिन तक उपवास रखा जाता है और इस अवधि में मृतात्मा से संवाद लोकनृत्य के माध्यम से होता है। यह संवाद इदुमिस्थि जनजाति द्वारा किया जाता है। अपने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यह संवाद किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि अनेक जनजातियों में मृतात्मा के साथ ऐसे संवाद की परंपरा रही है और बहुत समृद्ध परंपरा रही है। ऐतिहासिक रूप से भी मृत्यु संबंधी अनेक लोकमान्यताएं जनजातीय समुदाय में मिलती हैं। उल्लेखनीय यह भी है कि इगु नृत्य का प्रदर्शन केवल सामान्य मौत में ही होता है।
असामयिक रूप से किसी की मृत्यु हुई हो तो यह नृत्य नहीं होता। पारंपरिक अरुणाचल के परिधान के साथ और उनके खास वाद्ययंत्रों के साथ इगु का प्रदर्शन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में हुआ। राजधानी में आयोजित इस महोत्सव में अरूणाचल के इस लोक नृत्य को लोगों ने खूब सराहा।
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