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एटीआर में बसे गांवों के बच्चों को बेहतर स्वरोजगार प्रशिक्षण का अवसर

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में बसे गांवों के बच्चों को प्रबंधन स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इसी के तहत 21 बच्चों को बेहतर स...

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में बसे गांवों के बच्चों को प्रबंधन स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इसी के तहत 21 बच्चों को बेहतर स्वरोजगार का प्रशिक्षण देने के लिए भिलाई ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। यह कार्यक्रम वन एंड जलवायु परिवर्तन विभाग की मंशा के अनुरूप में आयोजित किया जा रहा है। अचानकमार टाइगर रिजर्व के अंदर 19 गांव बसे हुए हैं। हालांकि पहले 25 गांव थे, जिनमें से छह का विस्थापन किया जा चुका है। प्रबंधन को जंगल के अंदर बसे गांव के ग्रामीणों की चिंता है।

प्रबंधन चाह रहा है कि यहां के बच्चे स्वरोजगार से जुड़कर खुद के पैरों में खड़े हो सके। इसलिए ऐसे ट्रेनिंग की योजना तैयार करते हैं। पिछले साल भी तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर एस जगदीशन व उपसंचालक नायर विष्णुराज नरेंद्रन के नेतृत्व में एटीआर अंतर्गत आने वाले गांव के 23 आदिवासी बच्चों को लाइवलीहुड ट्रेनिंग के लिए भिलाई भेजा गया था। इसमें शतप्रतिशत बच्चे आज विभिन्न संस्थानों में चयनित होकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इसी परंपरा व सफलता को देखते हुए पुनः 21 बच्चों को भिलाई लाइवलीहुड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है।

एटीआर प्रबंधन लोरमी व आइसीआइसीआइ लवलीहुड फाउंडेशन भिलाई के संयुक्त प्रयासों से सफलता पूर्वक तीसरी बार बच्चों को त्रैमासिक प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। भिलाई स्थित लाइवलीहुड प्रशिक्षण संस्थान में पांच महत्पूर्ण पाठ्यक्रमों में बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिनमें उनको पाठ्यक्रम से संबंधित यूनिफार्म एवम टूल किट्स दिया जाता है जो पूर्णतः निश्शुल्क होता है। वही एटीआर प्रबंधन लोरमी द्वारा प्रशिक्षणर्थियों बच्चो की रहने, भोजन व पाकिटमनी का इंतजाम कराया जाता है।

आज के समय में जहा रोजगार प्राप्ति में कठिनाई होती है, वही एटीआर के दूरस्थ गांवो के आदिवासी बच्चो को सरलता पूर्वक निशुल्क रोजगार उपलब्ध कराना एक बेहतर प्रयास साबित हो रहा है। ऐसे प्रयास अगर सतत चलता रहे तो, इससे न केवल रोजगार की समस्या दूर होगी। वन व वन्यप्राणी के बेहतर प्रबंधन में सहभागिता प्राप्त होगी। एटीआर प्रबंधन का यह प्रयास सामुदायिक वानिकी और संरक्षित क्षेत्र के प्रबंधन में कम्युनिटी स्टीवर्डशिप सुनिश्चित करने की और का एक बेहतर उदाहरण एवं सकारात्मक पहल है। इस बार फील्ड डायरेक्टर मनोज पांडेय व डिप्टी डायरेक्टर गणेश यू आर के कुशल निर्देशन में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा गया है। असिस्टेंट डायरेक्टर संजय लूथर, रेंज आफिसर अमित रोशन, विक्रांत कुमार का भी विशेष सहयोग रहा है।

जिन ग्रामीण बच्चों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है, उनमें कोर व बफर जोन में बसे गांव के शामिल है। यह एटीआर प्रबंधन की सकारात्मक पहल है। जिसे आगे भी जारी रखने की योजना है। लाइवलीहुड कालेज एंड आइसीआइसीआइ अकादमी फार स्किल भिलाई में 12 लड़के एवं नौ लड़कियों को प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा गया है।


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