नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को रद्द करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्...
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मदरसा एक्ट को रद्द करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई की और सरकार व अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने कहा कि हमने विभिन्न पक्षों को सुना और गौर किया. यूपी सरकार भी फैसले के समर्थन में है. उसका कहना है कि 96 करोड़ रुपये मुहैया कराने में वो सक्षम नहीं है.
सर्वोच्च अदालत ने आगे कहा, अदालत हाईकोर्ट को चुनौती देने की मांग वाली याचिकाओं पर यूपी सरकार समेत अन्य सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करती है. हाईकोर्ट ने अधिनियम को रद्द करते हुए आदेश दिया है कि छात्रों को राज्य द्वारा स्थानांतरित किया जाएगा. इससे सभी 17 लाख बच्चों की शिक्षा के भविष्य पर असर पड़ेगा.
कोर्ट ने कहा कि हमारा विचार है कि यह निर्देश प्रथम दृष्टया उचित नहीं था. राज्य सरकार समेत सभी पक्षकारों को सुप्रीम कोर्ट में 30 जून 2024 को या उससे पहले जवाब दायर करना होगा. याचिका को अंतिम निपटारे के लिए जून 2024 के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध किया जाएगा. 22 मार्च 2024 के हाईकोर्ट के आदेश और फैसले पर रोक रहेगी.
इससे पहले वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि छात्रों की संख्या करीब 17 लाख है. हाईकोर्ट ने पहले यथास्थिति रखी. मगर बाद में असंवैधानिक करार दे दिया. हाईकोर्ट का कारण कितना अजीब है.यूपी सरकार के आदेश पर विज्ञान, हिंदी और गणित समेत सभी विषय पढ़ाए जा रहे हैं. बावजूद इसके उनके खिलाफ कदम उठाया जा रहा है. यह 120 साल पुरानी संहिता (1908 का मूल कोड) की स्थिति है. 1987 के नियम अभी भी लागू होते हैं.
उन्होंने कहा कि 30 मई, 2018 में सरकार ने एक आदेश जारी किया था. इसमें मदरसा में विभिन्न विषयों को पढ़ाने के लिए नियम थे. ताकि मदरसा भी मौजूदा स्कूलों के समान शिक्षा दे सकें. मदरसों में पाठ्यक्रम भी अन्य स्कूलों के समान है. बावजूद इसके हाईकोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला हैरान करता है. मदरसों की शिक्षा को धार्मिक आधार पर असंवैधानिक करार दिया गया है. सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने कहा है अगर आप कोई धार्मिक विषय पढ़ाते हैं तो यह धार्मिक विश्वास प्रदान कर रहा है, जो धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है. आज के दौर में गुरुकुल मशहूर हैं, क्योंकि वो अच्छा काम कर रहे हैं.
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