रायपुर। बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति देने का मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मा...
रायपुर। बीएड अभ्यर्थियों को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति देने का मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रायमरी स्कूलों में नियुक्त बीएड शिक्षकों को नौकरी से निकालने का आदेश दिया था, जिसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षकों को नौकरी जाने का डर सता रहा है। वहीं, अब इस मामले में सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा बयान सामने आया है। प्राइमरी स्कूलों में पदस्थ बीएड शिक्षकों को नौकरी निकाले जाने के मामले में सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि अभी बीएड अभ्यर्थी सहायक शिक्षकों को नहीं निकाला जाएगा। सरकार उनके लिए कोई न कोई रास्ता जरूर निकालेगी, क्योंकि सभी को रोजगार देने का सवाल है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल 2024 के अपने आदेश में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त बीएड अभ्यर्थियों को बाहर निकालने का फैसला सुनाया है। ज्ञात हो कि पिछली सरकार में बीएड अभ्यर्थियों की सहायक शिक्षक के पद पर नियमानुसार नियुक्ति हुई थी। भर्ती विज्ञापन में भी बीएड अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक के लिए पात्र बताया गया था, जिसके अनुसार तकरीबन साढ़े 3 हजार बीएड अभ्यर्थी सहायक शिक्षक के रूप में विगत 6 माह से कार्यरत हैं।
दूसरी ओर शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में 23,753 नौकरियां रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद इन सभी शिक्षकों को चार हफ्ते में वेतन भी वापस करना होगा। इन सभी टीचर्स को ब्याज के साथ ये वापस लौटाना होगा। न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार राशिदी की खंडपीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में और जांच करने तथा तीन महीनों में एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। पीठ ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग को नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश भी दिया।
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