रायपुर। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में इस बार प्रवेश पाना आसान नहीं होगा। इसकी साढ़े छह हजार सीटों के लिए इस बार 3 लाख से अधिक ...
रायपुर। डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में इस बार प्रवेश पाना आसान नहीं होगा। इसकी साढ़े छह हजार सीटों के लिए इस बार 3 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार है जब बीएड से ज्यादा डीएलएड के लिए कंपीटिशन है। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में सरकारी स्कूलों शिक्षकों की भर्ती को लेकर नई नियमावली तैयार की गई है। इनके अनुसार प्राइमरी टीचर भर्ती के लिए बीएड डिग्रीधारी आवेदन नहीं कर पाएंगे। इसके लिए डीएलएड मान्य होगा। पिछली कुछ भर्तियों में यह देखा गया है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षक भर्ती में ज्यादा पद प्राइमरी टीचर (सहायक शिक्षक) के लिए थे।
इसे लेकर ही डीएलएड की डिमांड बढ़ी है।जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले तक डीएलएड की सीटें खाली रह जाती थी। स्थिति ऐसी बनती थी कि, उन छात्रों को भी एडमिशन के लिए अवसर दिया जाता था जो प्रवेश परीक्षा मंे शामिल नहीं हुए थे। लेकिन अब एक-दो साल से स्थिति बदल गई है। पिछली बार डीएलएड के लिए 1 लाख 60 हजार आवेदन आए हैं। इसी तरह वर्ष 2022 में हुई प्रवेश परीक्षा के लिए 91 हजार आवेदन मिले थे। हालांकि, प्रवेश परीक्षा में 57657 परीक्षार्थी में शामिल हुए थे।
फिर भी काउंसिलिंग के बाद डीएलएड की 5 सौ से अधिक सीटें खाली भी रह गई थी। जानकारों का कहना है कि कुछ महीने पहले तक सरकारी स्कूलों में प्राइमरी टीचर की भर्ती में डीएलएड के साथ बीएड भी मान्य था। इसके अलावा मिडिल, हाई-हायर सेकेंडरी स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्री वाले ही पात्र थे।
इस वजह से ज्यादातर छात्रों का रुझान बीएड की ओर था। शिक्षक भर्ती के नए नियम के अनुसार अब बीएड डिग्रीधारी मिडिल से लेकर हाई-हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षक व व्याख्याता के लिए पात्र होंगे, प्राइमरी के लिए नहीं। इसलिए डीएलएड के प्रति इस बार ज्यादा रुझान है। डीएलएड के लिए प्रवेश परीक्षा 30 जून को होगी। इसे लेकर व्यापमं से तैयारी की जा रही है।
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