रायपुर. शहर के जिन इलाकों में ग्राउंड वाटर लेवल 800 से 1000 फीट तक नीचे चला गया है उन जगहों की पहचान कर अब वहां के खाली मैदानों और उजड़े गार...
रायपुर. शहर के जिन इलाकों में ग्राउंड वाटर लेवल 800 से 1000 फीट तक नीचे चला गया है उन जगहों की पहचान कर अब वहां के खाली मैदानों और उजड़े गार्डन में बारिश के पानी को स्टोर किया जाएगा। इसके लिए मैदानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्रोत बनाया जा रहा है। ऐसा पहला प्रोजेक्ट दलदल सिवनी में लांच किया जा रहा है। यहां इंदिरा स्मृति वन के खाली मैदान में दो से तीन बड़े परकोलेशन टैंक बनाए गए हैं। अब बारिश के पानी को नाले में बहने से रोककर इसी मैदान में डायवर्ट किया जाएगा। विशेषज्ञों का दावा है कि यहां 21 करोड़ लीटर पानी वहां स्टोर किया जाएगा। इससे वहां का ग्राउंड वाटर लेवल एक मीटर तक बढ़ेगा।
दलदल सिवनी के अलावा सड्ढू, कचना, मोवा, डुंडा, सेजबहार, डंगनिया, अमलीडीह, भाठागांव, सरोना, टाटीबंध व उसके आस-पास के इलाकों में भी 800 से 1000 और कहीं कहीं तो बारह सौ फीट गहराई में पानी मिल रहा है। इतनी गहराई पर पानी मिलने से स्पष्ट है कि ऊपरी सतह पर पानी खत्म हो चुका है। आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने के आसार हैं। इसी स्थिति में बदलाव के लिए ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए नया प्रोजेक्ट लाया गया है। इसके लिए दलदल सिवनी के 42 एकड़ में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। इसमें निगम तीन फर्कुलेशन टैंक और एक तालाब बना रहा है।
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