बेमेतरा। आगामी खरीफ फसल के लिए जिले के खाद भण्डारण के कुल लक्ष्य 50520 मी.टन के विरूद्ध 34717 मी.टन का भण्डारण समितियों में किया गया है। ज...
बेमेतरा। आगामी खरीफ फसल के लिए जिले के खाद भण्डारण के कुल लक्ष्य 50520 मी.टन के विरूद्ध 34717 मी.टन का भण्डारण समितियों में किया गया है। जो लक्ष्य का 68.71फीसदी भंडारण है, जबकि पिछले साल आज दिनांक तक 65.38फीसदी खाद का भंडारण हुआ था। उपसंचालक कृषि एमडी डड़सेना ने समय सीमा की बैठक में जानकारी दी कि पिछले साल से 3.33फीसदी अधिक खाद जिले को प्राप्त हो चुका है तथा 23084 मी.टन खाद का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। डाई अमोनियम फास्फेट का कुल लक्ष्य 15360 मीट्रिक टन के विरुद्ध 9294 मेट्रिक टन डीएपी का भंडारण समितियों में किया जा चुका है। इस प्रकार अभी तक 60.50फीसदी डीएपी खाद जिले को प्राप्त हो गया है।
वहीं जिले के कृषकों को विभिन्न फसलों की कुल बीज मांग 23252 क्विंटल के विरुद्ध 16788 क्विंटल बीज (72फीसदी) का भंडारण समितियों में हो चुका है तथा 11145 क्विंटल बीज समितियों के माध्यम से वितरण किया जा चुका है। समितियों में अभी भी 5643 क्विंटल बीज उपलब्ध है।
कलक्टर रणबीर शर्मा ने समय सीमा की बैठक और कृषि विभाग के जिला अधिकारियों की बैठक में कहा कि उन्नत और स्वस्थ्य खेती-किसानी के लिए किसानों को नियमित रूप से समसमायिक सलाह और मीडिया एडवाजरी कृषि विभाग जारी करें।
कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा खरीफ सीजन वर्ष 2024-25 की तैयारियों की नियमित समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर ने जिले को मिले खाद-बीज आंबटन और उनके भण्डारण तथा समितियों के माध्यम से किसानों तक वितरण व्यवस्था की पूरी गहनता से समीक्षा की।
बैठक में यह भी बताया गया कि जिले में डीएपी खाद की मांग अधिक है, लेकिन इस खाद की उपलब्धता मांग के तुलना में कम है। डीएपी खाद के विकल्प में सिंगल सुपर फास्फेट खाद खेती-किसानी के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी और गुणकारी है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि डीएपी खाद के विकल्प के रूप में खेती-किसानी के लिए सिंगल सुपर फास्फेट खाद की महत्व को किसानों को बताने की जरूरत है। कलेक्टर ने कहा कि खाद-बीज की उपलब्धता, भण्डारण एवं वितरण की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी।
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि जिले के किसान उन्नत और स्वस्थ्य खेती करने के लिए डीएपी खाद के विकल्प में सुपर फास्फेट एसएसपी खाद का उपयोग कर बेहतर पैदावार पा सकते है। यहा बताया गया कि जिले में वर्तमान में 1888 मी.टन सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद उपलब्ध है। सिंगल सुपर फास्फेट में फास्फोरस 16 प्रतिशत और 11 प्रतिशत सल्फर पाया जाता है। इसलिए जिले के किसान भाई डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फास्फेट उपयोग कर सकते है।
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