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नीट में सिस्टमैटिक फ्रॉड का आरोप, याचिकाकर्ता की मांग- चेक हो टॉपर्स की 10वीं की मार्कशीट

  नई दिल्ली। नीट यूजी एग्जाम को लेकर कैंडिडेट्स को अब सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (18 जुलाई) को होने वाली सुनवाई का इंतजार है. एनटीए और केंद्र...

 


नई दिल्ली। नीट यूजी एग्जाम को लेकर कैंडिडेट्स को अब सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (18 जुलाई) को होने वाली सुनवाई का इंतजार है. एनटीए और केंद्र की तरफ से हलफनामा दाखिल किया जा चुका. सीबीआई ने भी बंद लिफाफे में कोर्ट को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. नीट याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में इस पूरे पेपर लीक को सिस्टमैटिक फ्रॉड यानी जानबूझकर की जाने वाली धोखाधड़ी बताया है.

यचिकाकर्ती से अपनी पिटिशन में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पेपर लीक की पुष्टि हो चुकी है, इसलिए यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि इस लीक से कितने उम्मीदवारों को फायदा हुआ है. हजारों उम्मीदवार इंटेलिजेंट और योग्य होने के बावजूद अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाए हैं, क्योंकि उनके स्कोर के आधार पर उनकी रैंक पिछले वर्षों में समान स्कोर के आधार पर प्राप्त रैंक से काफी कम है. पेपर लीक की वजब से अच्छे अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के पास अब या तो मेडिकल स्ट्रीम में करियर छोड़ने या प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मंहगी फीस देकर एडमिशन लेने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचा है.

मिडिल क्लास परिवार के साथ धोखाधड़ी 

याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि मिडिल क्लास परिवारों से संबंधित उम्मीदवारों के लिए यह संभव नहीं है. 67 छात्रों ने 100 प्रतिशत अंक और AIR 1 प्राप्त किया, जो कि नीट परीक्षा के इतिहास में पहली बार हुआ है. नीट पेपर लीक और उसके बाद की अनियमितताओं ने नीट यूजी 2024 परीक्षा की पवित्रता और गरिमा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. विश्वासघात न केवल परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता को कमजोर करता है, बल्कि प्राप्त परिणामों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है. नीट परीक्षा में टॉप स्कोरर अक्सर असाधारण रूप से उच्च अंक प्राप्त करते हैं, जो इन अंकों को प्राप्त करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है.

कैंडिडेट्स के 10वीं और नीट रिजल्ट की जांच होनी चाहिए

याचिका में यह भी मांग की गई है कि 10वीं की मार्कशीट और मॉक टेस्ट में उनके प्रदर्शन की जांच करके टॉपर स्कोरर की योग्यता की गहन जांच की जानी चाहिए, जिससे नीट परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता बचाई जा सके. यह असंभव है कि एक छात्र जिसने अपनी 10वीं कक्षा की परीक्षा और मॉक टेस्ट में लगातार खराब प्रदर्शन किया है, वह अचानक बाहरी सहायता नीट में टॉप स्कोर प्राप्त कैसे कर सकता है. याचिकाकर्ता कहा कहना है कि 10वीं कक्षा की परीक्षा और मॉक टेस्ट में टॉप स्कोरर के रिजल्ट जांच की जानी चाहिए. एक ही केंद्र से 8 उम्मीदवारों में से 2 उम्मीदवारों ने 718 और 719 अंक प्राप्त किए, जो कि असंभव है.


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