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चार वर्षों में मलेरिया के प्रकरणों में आई 38 फीसदी कमी

कोंडागांव। मलेरिया मुक्त छत्तीगढ़ अभियान का जिले में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और मलेरिया प्रकरणों मं चार वर्षों में लगभग 38 फीसदी कमी आई है। इ...


कोंडागांव। मलेरिया मुक्त छत्तीगढ़ अभियान का जिले में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और मलेरिया प्रकरणों मं चार वर्षों में लगभग 38 फीसदी कमी आई है। इसके साथ ही मलेरिया सकारात्मक दर 2.32 प्रतिशत से घटकर 0.82 प्रतिशत हो गया है। वहीं वर्ष 2020 से वार्षिक परजीवी सूचकांक 4.36 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2023 में 2.78 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान वर्ष 2024 में जिले का वार्षिक परजीवी सूचकांक 1.07 प्रतिशत है।

घने जंगल से आच्छादित इस जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मलेरिया के प्रकरणों के बढ़ने की संभावना रहती है। लोगों को मलेरिया से बचाने एवं मलेरिया प्रकरण नियंत्रित करने के लिए कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया रोकने के लिए सक्रियता से अभियान चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के बसाहटों में पहुंच रही है। घने जंगलों एवं नदी-नालों को पारकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिन की टीम गांवो में घर-घर पहुंचकर लोगो को मलेरियारोधी दवाइयों के साथ उपचार कर रही है। साथ ही लोगो को मलेरिया से बचाव के लिए किए जाने वाले आवश्यक उपाय के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग पूरी जिम्मेदारी और तत्परता से कार्य करते हुए मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रयास कर रही है। मलेरिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जिले के समस्त आवसीय छात्रावास, आश्रम, कीडा परिसर, स्कूल एवं उन ग्रामों पर जहां पर मलेरिया के अधिक प्रकरण मिले थे, समस्त जनसमुदाय का रक्त जांच कर मलेरिया से संक्रमित पाये गये मरीजों का पूर्ण उपचार किया जा रहा है। सभी विकासखण्ड को निर्देशित किया गया है कि अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज का मलेरिया हेतु रक्त जांच आरडी कीट के माध्यम से किया जाना है। जागरूकता के लिये ग्रामीणों को घरों के आस-पास गड्डों में पानी जमा न होने दें, बुखार आने पर झाड-़फंूक कराने के बजाय तत्काल मितानिन या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंच कर खून की जांच कराने की सलाह दी जा रही है। गांव के दिवारों पर मलेरिया एवं डायरिया के बचाव संबंधित नारे लिखकर जागरूकता प्रसार-प्रचार किया जा रहा है। वर्ष 2020 से जिले में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान चलाया जा रहा है। जिससे मलेरिया के प्रकरण में कमी आई है।

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