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कलेक्टर ने आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ किया पौधारोपण

सूरजपुर। कलेक्टर रोहित व्यास के द्वारा जिला मुख्यालय सूरजपुर के पंच मंदिर वार्ड के आंगनबाड़ी केन्द्र में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में ‘एक ...

सूरजपुर। कलेक्टर रोहित व्यास के द्वारा जिला मुख्यालय सूरजपुर के पंच मंदिर वार्ड के आंगनबाड़ी केन्द्र में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में ‘एक वृक्ष मां के नाम‘अभियान के तहत् पौधा रोपित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में जल संरक्षण एवं महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से जल शक्ति अभियान के ‘नारी शक्ति से जल शक्ति‘थीम के साथ तथा ‘एक वृक्ष मां के नाम‘अभियान अंतर्गत पौधों का रोपण किया गया।

गौरतलब है कि जल शक्ति अभियानः कैच द रेन- 2024 ‘‘ नारी शक्ति से जल शक्ति‘ थीम के साथ लागू किया गया है। जिसका उद्देश्य जल संरक्षण में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को बढ़ाना है। जिसमें जल के सभी स्रोतों का संरक्षण, वर्षा जल के संचयन की दिशा में विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम के इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास ने सर्वप्रथम आंगनबाड़ी के बच्चों के साथ मिलकर आंगनबाड़ी परिसर में पौधारोपण किया।

इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी लोगों को अपने आसपास के क्षेत्रों में अपने अनुकूल स्थलों का चयन कर स्वप्रेरणा से पेड़ लगाने चाहिए। ताकि अपने द्वारा लगाए पेड़ का देखभाल अच्छे से किया जा सके । उन्होंने कहा कि इसकी देखभाल अपनी मां की तरह करना चाहिए। कलेक्टर व्यास ने कहा कि आंगनबाड़ी में लगाए गए इन पेड़ों का नाम आंगनबाड़ी के बच्चों के नाम पर किया जाना चाहिए एवं इसके देखभाल के लिए उस बच्चे और उसके माता-पिता को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उन्होंने जलशक्ति अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि आज बोर के अंधाधुध उपयोग से भूजल स्तर घटता जा रहा है परंतु भूजल के पुनर्भरण का कार्य उस गति से नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश के कई ऐसे महानगर हैं जहां भूजल स्तर खत्म हो गया है और वहां जल की समस्या विकराल हो गई है। अपने राज्य को ऐसे विकट परिस्थिति से बचाने के लिए उन्होंने सभी लोगों से अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि लोग इस बात का ध्यान रखें कि आज सभी जगह कांक्रीट रोड, सड़कें और पक्के मकान बनने से वर्षाजल के भूमि में जाने के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है और वर्षा जल का या तो वाष्पीकरण हो जा रहा है या वह बह जा रहा है। इसलिए भूजल बढ़ाने का एकमात्र उपाय रेन वाटर हार्वेस्टिंग है।

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