नई दिल्ली। चार साल पहले कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हाहाकार मचाया. इस वायरस के चलते दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हुई. जबकि करोड़ों लोग...
नई दिल्ली। चार साल पहले कोरोना वायरस ने दुनियाभर में हाहाकार मचाया. इस वायरस के चलते दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हुई. जबकि करोड़ों लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए. दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए वैक्सीन तो तैयार कर ली. लेकिन भविष्य में इस बीमारी के नए वैरियंट से लड़ने के लिए अभी और खोज जारी है. इस बीच वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एंटीबॉडी का पता लगाया है जो भविष्य में कोविड-19 के नए वैरियंट के इलाज में मददगार साबित होगी.
कोरोना के सभी वैरियंट से लड़ सकती है ये एंटीबॉडी
शोधकर्ताओं के मुताबिक, उन्होंने एक अत्यधिक प्रभावी एंटी बॉडी की पहचान की है जो सार्स कोवि-2 वेरिएंट के साथ-साथ संबंधित कोरोना वायरस को भी बेअसर कर सकती है, जो कि कोविड-19 और संभावित भविष्य की महामारी के खिलाफ बेहतर उपचार और टीकों की आशा प्रदान करती है.
वैज्ञानिक मोटे तौर पर कोविड-19 को दुनिया भर में एक स्थानिक बीमारी मानते हैं, जिसका व्यवहार काफी हद तक उस फ्लू जैसा है, लेकिन उन्होंने लंबे समय तक चलने वाली कोविड स्थितियों पर भी सावधानी जताई है, जो संक्रमण की रोकधाम करती है. जर्नल सेल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि शोध का नेतृत्व ऑस्टिन के टेक्सास विश्वविद्यालय और चैपल हिल के उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है.
क्या है इस एंटीबॉडी में खास
वैज्ञानिकों की मानें तो हाल की खोजी गई इस एंटीबॉडी में सभी प्रमुख सार्स-सीओवी-2 वेरिएंट, 2003 के सार्स वायरस और अन्य चमगादड़ और पैंगोलिन कोरोनावायरस को पूरी तरह से बेअसर करने में मददगार माना गया है.
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